टूट जायेंगी तेरी "ज़िद" की आदत उस वक़्त...!! जब मिलेगी ख़बर तूजको की याद करने वाला अब याद बन गया है..!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ए जिन्दगी;
पर जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नही..
Monday 9 February 2015
बिछड़ गए हैं जो उनका साथ क्या मांगू; ज़रा सी उम्र बाकी है इस गम से निजात क्या मांगू; वो साथ होते तो होती ज़रूरतें भी हमें; अपने अकेले के लिए कायनात क्या मांगू।
हर एक सैनिक को समझिये, वो हमारे लिये जीते हैं हमारे लिये मरते हैं एे शहीदो तुमको शत् शत् नमन
कोई चला गया दूर तो क्या करें; कोई मिटा गया सब निशान तो क्या करें; याद आती है अब भी उनकी हमें हद से ज्यादा; मगर वो याद ना करें तो क्या करें।